महाकुंभ में भगदड़, हिमाचल से गए श्रद्धालुओं के परिजनों की चिंता बढ़ी
प्रयागराज/शिमला: प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेले में मंगलवार की रात हुई भगदड़ ने पूरे देश को शोक में डुबो दिया। इस घटना के बाद, महाकुंभ में स्नान करने के लिए गए हिमाचल प्रदेश के हजारों श्रद्धालुओं के परिवारों में चिंता का माहौल बन गया। कई परिवारों के लोग फोन पर अपने प्रियजनों से संपर्क करने की कोशिश करते रहे, जबकि कुछ लोग घबराए हुए थे कि कहीं उनके परिवार के सदस्य इस घटना का शिकार तो नहीं हुए।
महाकुंभ में शामिल होने के लिए हिमाचल के विभिन्न हिस्सों से लोग पहुंचे थे, जिनमें कुल्लू जिला से एक ट्रेवलर दल भी शामिल था। यह दल उसी स्थान पर था, जहां भगदड़ मची थी, लेकिन राहत की बात यह रही कि सभी श्रद्धालु सुरक्षित हैं और उन्होंने इस घटना में किसी प्रकार का नुकसान नहीं उठाया।
हिमाचल सरकार के पास नहीं है आंकड़ा, कितने लोग थे महाकुंभ में मौजूद
इस घटनाक्रम के बीच, हिमाचल प्रदेश सरकार के पास यह आंकड़ा उपलब्ध नहीं है कि राज्य से कितने लोग महाकुंभ में स्नान के लिए पहुंचे थे। खासकर मौनी अमावस्या के दौरान, जब लाखों श्रद्धालु गंगा नदी में स्नान करने के लिए उमड़े थे, तब इस भगदड़ की घटना घटी। सरकार ने इस बाबत कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया है, लेकिन परिवारों की चिंता को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि सभी श्रद्धालु सुरक्षित रहें।
महाकुंभ में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
प्रयागराज: महाकुंभ मेला देश के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है, जहां लाखों श्रद्धालु आते हैं। इस घटना ने मेला प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। भगदड़ के कारणों को लेकर प्रशासन ने बैरिकेड्स के टूटने को जिम्मेदार ठहराया है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे विशाल आयोजनों में सुरक्षा उपायों को और कड़ा करने की जरूरत है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटना से बचा जा सके।