शिमला 31 जुलाई – उपायुक्त कार्यालय शिमला के बचत भवन सभागार में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई जिसमें जिलाभर के विभिन्न विभागों केे लगभग 60 से अधिक पीआईओ एपीआईओ एवं अन्य अधिकारियों ने भाग लिया।
दो दिवसीय कार्यशाला में हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान (हिपा) फेयरलॉन मशोबरा के माध्यम से आमंत्रित किए गए विभिन्न विशेषज्ञों द्वारा पीआईओ एपीआईओ एवं अन्य अधिकारियों को सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 बारे विस्तार से जानकारी दी गई । कार्यशाला के दूसरे दिन दो सत्र आयोजित किए गए ।
इस अवसर पर सेवानिवृत्त भारतीय प्रशासनिक सेवाएं अधिकारी गोपाल शर्मा द्वारा उपस्थित पीआईओ एपीआईओ एवं अन्य अधिकारियों को आरटीआई अधिनियम 2005 नियमों के मुख्य प्रावधानों से अवगत करवाया । उन्होंने कहा कि आरटीआई अधिनियम नागरिकों को सूचना प्राप्त करने का अधिकार देता है इसलिए कोई भी व्यक्ति सूचना प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकता है। उन्होंने आरटीआई अधिनियम के प्रभावी कार्यान्वयन पर जोर देते हुए कहा कि प्रदेश में आरटीआई अब ऑनलाइन माध्यम से भी शुरू की जा चुकी है, जिसके समयबद्ध निपटान के लिए सभी को आवश्यक कदम उठाने चाहिए ।
हिमाचल प्रदेश पूर्व सूचना आयुक्त सेवानिवृत भारतीय प्रशासनिक सेवाएं अधिकारी नरिंदर चौहान ने पीआईओ एपीआईओ एवं अन्य अधिकारियों को आरटीआई अधिनियम, 2005 के मुख्य प्रावधान, एचपी आरटीआई नियम 2006, राज्य सूचना आयोग की शक्तियां, पीआईओ एवं एपीआईओ के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों से अवगत करवाया।
दो दिवसीय कार्यशाला के दौरान सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की प्रस्तावना से निकलने वाले मुख्य बिन्दुओं पर चर्चा करने के साथ-साथ लोक प्राधिकरण के दायित्व, आरटीआई आवेदन प्राप्त करने के लिए केन्द्र की ओर से राज्य के लिए निर्देश, भूमिका एवं जिम्मेदारियां, पीआईओ तथा एपीआईओ के कार्य, आरटीआई पर रिपोर्टिंग, प्रथम अपीलीय प्राधिकरण, आरटीआई नियम 2006 में अपील की प्रक्रिया, राज्य सूचना आयोग के कार्य एवं शक्तियां, जुर्माना लगाने का प्रावधान, सूचना के अनुरोध का निपटान, आवेदन की प्रक्रिया, समय अवधि एवं शुल्क राशि, तृतीय पक्ष सूचना, सूचना की आपूर्ति, दण्ड देने की प्रक्रिया, भ्रष्टाचार को रोकने और संस्थाओं को जवाबदेह बनाने तथा देरी से सूचना देने पर जुर्माना और शिकायतकर्ता को मुआवजा, जांच या आषंका की प्रक्रिया से सम्बन्धित जानकारी तथा अपराधियों पर मुकदमा चलाने बारे आरटीआई प्रावधानों की विस्तार से जानकारी प्रदान की गई ।
कार्यषाला के दौरान परस्पर संवाद भी स्थापित किया गया, जिसमें विशेषज्ञों ने पूछे गए प्रश्नों की विस्तृत से जानकारी दी ।
उपायुक्त कार्यालय शिमला के बचत भवन सभागार में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित
Related Posts
शिमला – जाखू रोपवे में मॉक ड्रिल का आयोजन
शिमला, 18 सितंबर – शिमला के प्रसिद्ध जाखू मंदिर को जोड़ने वाले रोपवे पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया, जिसकी अगुवाई अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (प्रोटोकॉल) ज्योति राणा ने की।मॉक…
10वीं और 12वीं के मेधावी विद्यार्थियों को एक्सपोजर विजिट के लिए तय होंगे मानकः रोहित ठाकुर
10वीं और 12वीं के मेधावी विद्यार्थियों को एक्सपोजर विजिट के लिए तय होंगे मानकः रोहित ठाकुरविद्यार्थियों की शिक्षा के लिए दृढ़ समर्पित शिक्षक ही एक्सपोजर विजिट पर भेजे जाएंगे शिक्षा…