मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में 1 अगस्त, 2024 को कुल्लू, मंडी और शिमला जिलों में बादल फटने की घटना में जान गवांने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी गई। मंत्रिमंडल के सदस्यों ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं।
बैठक में निर्णय लिया गया कि आपदा प्रभावित उन परिवारों को 1 अगस्त, 2024 से 31 अक्तूबर, 2024 तक तीन महीने की अवधि के लिए शहरी क्षेत्रों में 10,000 रुपये और ग्रामीण क्षेत्रों में 5,000 रुपये प्रतिमाह किराये पर आवासीय सुविधा के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी जिनके मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके साथ-साथ उन्हें मुफ्त राशन, एलपीजी सिलेंडर, बर्तन और बिस्तर भी उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया गया है। प्रभावित परिवारों को 50,000 रुपये की तत्काल वित्तीय सहायता भी वितरित की जाएगी।
मंत्रिमंडल ने कांगड़ा जिला में डॉ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय, टांडा में विभिन्न श्रेणियों के 462 पद सृजित कर भरने का निर्णय लिया। इसमें चिकित्सा अधिकारियों के 14 पद और मनोचिकित्सक तथा क्लीनिकल मनोवैज्ञानिक के चार-चार, स्टाफ नर्स के 300, रेडियोग्राफर के 2, वार्ड ब्वॉय के 47, ऑपरेशन थियेटर सहायक के 4, ट्रांसप्लांट कॉर्डिनेटर के 2, डाटा एंट्री ऑपरेटर के 10, चतुर्थ श्रेणी के 5, सफाई कर्मचारी के 40 और सुरक्षा गार्ड के 30 पद शामिल हैं।
आईजीएमसी, शिमला और अटल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर स्पेशियलिटीज चमियाना में विभिन्न श्रेणियों के 489 पदों को सृजित कर भरने का भी निर्णय लिया गया है। आईजीएमसी शिमला में विशेषज्ञ चिकित्सा अधिकारी के 21 और चमियाना अस्पताल में सुपर-स्पेशियलिटी चिकित्सा अधिकारी के 7 पद शामिल हैं। स्टाफ नर्स के 400 पद, ऑपरेशन थियेटर सहायक के 43, नर्सिंग ऑर्डरली-सह-ड्रेसर के 11, आहार विशेषज्ञ के 2, फिजियोथेरेपिस्ट का एक तथा डाटा एंट्री ऑपरेटर के 4 पद भरने को स्वीकृति प्रदान की गई है।
मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश माइनर मिनरल्ज (कन्सैशन) एंड मिनरल्ज (प्रिवेन्शन ऑफ इल्लिगल माइनिंग, ट्रांसपोटेशन एंड स्टोरेज) नियम, 2015 में संशोधन करने का निर्णय लिया है। नए प्रावधानों के तहत, राज्य में खनन के लिए उपलब्ध उपयुक्त निजी भूमि को भूमि मालिकों की सहमति से खनिजों को निकालने के लिए नीलाम किया जा सकेगा जिसके लिए भूमि मालिकों को वार्षिक बोली राशि का 80 प्रतिशत दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, व्यवस्थित, वैज्ञानिक और सतत् खनन को बढ़ावा देने तथा खनिजों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए नदी तल में खनिज उत्खनन को मशीनरी के उपयोग की अनुमति प्रदान की गई। नदी तल में खनन की गहराई को मौजूदा एक मीटर से बढ़ाकर दो मीटर किया गया है। हर मानसून के मौसम के बाद कृषि क्षेत्रों से दो मीटर की गहराई तक रेत और बजरी निकालने की अनुमति का प्रावधान किया गया है, जिसे गैर-खनन गतिविधि माना जाएगा। इसके अलावा, नए संशोधनों में इलेक्ट्रिक वाहन शुल्क के रूप में पांच रुपये प्रति टन, ऑनलाइन शुल्क के रूप में पांच रुपये प्रति टन और दूध उपकर के रूप में दो रुपये प्रति टन शुल्क लिया जाएगा। गैर-खनन गतिविधियों से प्राप्त सामग्री के उपयोग के लिए रॉयल्टी का 75 प्रतिशत (140 रुपये प्रति टन) प्रसंस्करण शुल्क सरकार को देय होगा।
मंत्रिमंडल ने पुलिस आरक्षियों के पदों की भर्ती प्रक्रिया को हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के अधिकार क्षेत्र में लाने को स्वीकृति प्रदान की।
राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए मंत्रिमण्डल ने रसायनमुक्त उत्पादन और उत्पाद के प्रमाणीकरण के लिए क्लस्टर आधारित दृष्टिकोण अपनाते हुए हिम उन्नति योजना लागू करने का निर्णय लिया है। इस योजना के अंतर्गत लगभग 50 हजार किसानों को शामिल करने के लिए 2600 कृषि समूहों को स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। यह योजना कृषि समुदायों की आर्थिकी को मजबूत करने के लिए आवश्यक क्षमता निर्माण प्रशिक्षण और वित्तीय सहयोग प्रदान करेगी। इसके अलावा, प्राकृतिक खेती से उगाए गए गेहूं को 40 रुपये प्रति किलो और मक्का को 30 रुपये प्रति किलो खरीदने की योजना है।