शिमला: हिमाचल प्रदेश में 1 महीने के विरोध प्रदर्शन के बाद आज से पटवारी-कानूनगो वापस काम पर लौट रहे हैं. इसके साथ ही आज से ऑनलाइन सर्टिफिकेट बनना भी शुरू हो जाएंगे. पटवारी-कानूनगो द्वारा सुक्खू सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए ऑनलाइन सेवाएं बंद कर दी थी. जिसके चलते प्रदेश में लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर पटवारी-कानूनगो संघ की मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ देहरा में बैठक हुई. जिसमें सीएम सुक्खू के आश्वासन के बाद संघ ने अपना प्रदर्शन खत्म किया और काम पर वापस लौटने का फैसला लिया.
12 जुलाई को हुई कैबिनेट बैठक में सुक्खू सरकार ने ये फैसला लिया था कि अब से पटवारी, कानूनगो और नायब तहसीलदार जिला कैडर के बजाए स्टेट कैडर में माने जाएंगे. जिसके बाद से पटवारी और कानूनगो ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. पटवारी-कानूनगो संघ ने सरकार को फैसला वापस लेने के लिए चेताया, लेकिन जब सरकार अपने फैसले पर अडिग रही तो 15 जुलाई से पटवारी और कानूनगो ने सभी ऑनलाइन सेवाएं देना बंद कर दिया. जिसके चलते अब लोग ऑनलाइन सर्टिफिकेट नहीं बनवा पा रहे थे. हालांकि इस दौरान ऑफलाइन सुविधाएं जारी रहीं.
गुरुवार, देहरा में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू और पटवारी-कानूनगो महासंघ के बीच हुई बैठक के बाद आखिरकार पटवारी और कानूनगो ने अपना विरोध प्रदर्शन वापस ले लिया है. वहीं, सीएम सुक्खू ने भी महासंघ को आश्वासन दिया है कि प्रतिनिधिमंडल की जायज मांगों का सरकार समाधान करेगी. सीएम सुक्खू ने पटवारी और कानूनगो से कहा कि सरकार का उन्हें स्टेट कैडर बनाना नीतिगत फैसला है, जिसमें वे सहयोग दें.