शिमला: हिमाचल में डीए और एरियर की मांग को लेकर सचिवालय के प्रांगण में कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान कर्मचारियों को संबोधित करते हुए एम्पलाईज यूनियन के नेताओं ने सुक्खू सरकार में कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी पर जमकर अपनी भड़ास निकाली है. कर्मचारी यूनियन के नेताओं ने तो यहा तक कह दिया कि राजेश धर्माणी मंत्री बनने लायक नहीं थे, लेकिन सीएम सुक्खू को मजबूरी में उन्हें कैबिनेट में लेना पड़ा.
शुक्रवार को सचिवालय के आर्म्सडेल भवन के प्रांगण में हुए जरनल हाउस में कर्मचारियों का कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी पर पूरा गुबार उतरा. कर्मचारी नेताओं ने तंज कसते हुए कहा, “राजेश धर्माणी तो मंत्री बनने लायक नहीं थे, ये तो सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को मजबूरी में राहुल गांधी, प्रियंका वाड्रा और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के कहने पर कैबिनेट में लेना पड़ा”.हिमाचल प्रदेश सचिवालय परिसंघ के चेयरमैन संजीव शर्मा ने राजेश धर्माणी से तीन सवाल पूछे हैं. उन्होंने पूछा कि राजेश धर्माणी बताए कि क्या उनका टेलीफोन का खर्चा 20 हजार रूपये महीना है. उनके पास ऐसा कौन सा नेटवर्क है, जिसका खर्चा 20 हजार आता है. उन्होंने ने दूसरा सवाल किया कि आप जो 95 हजार का सत्कार भत्ता लेते हैं, क्या आप अपने विधानसभा क्षेत्र में जनता को शॉल टोपी पहनाकर स्वागत करते हैं? उन्होंने कहा कि जब आप विधानसभा क्षेत्र की जनता को शॉल टोपी नहीं पहनाते हैं तो आपको वो पैसा वापस नहीं करना चाहिए?

संजीव शर्मा ने तीसरा सवाल पूछा कि मंत्री जो आने कार्यालय को चमकाने में 50-50 लाख खर्च कर रहे हैं. इस पर आपका क्या जवाब है? उन्होंने कहा कि इन तीन सवालों का जवाब प्रदेश के कर्मचारी पूछते हैं? इस दौरान संजीव शर्मा ने राजेश धर्माणी को ललकार दी कि अगर उनमें दम है तो अपने घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र को छोड़कर किसी अन्य विधानसभा क्षेत्र से कर्मचारी के खिलाफ चुनाव लड़कर दिखाए.