मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू से विभिन्न अराजपत्रित कर्मचारी और शिक्षक संगठनों के पदाधिकारियों ने भेंट की और अपनी मांगों से अवगत करवाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी अधिकारी और कर्मचारी उनके परिवार के सदस्य हैं और उनकी सभी जायज मांगों पर सहानूभतिपूर्वक विचार किया जाएगा। कर्मचारियों के महंगाई भत्ते और एरियर जारी करने की मांग के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि वह एक माह के भीतर राज्य की वित्तीय स्थिति की समीक्षा करेंगे। उन्होंने सितंबर 2024 के अंत में कर्मचारी संगठनों के साथ फिर से बैठक करने का आश्वासन दिया।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कर्मचारियों को महंगाई भत्ता और अन्य लाभ जारी करने के लिए प्रतिबद्ध है और राज्य की वित्तीय स्थिति में सुधार के साथ ही कर्मचारियों को सभी लाभ जारी कर दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि फायदे में चल रहे सभी बोर्डों और निगमों के कर्मचारियों को वित्तीय लाभ सुनिश्चित करने के लिए महंगाई भत्ता और एरियर जारी करने के निर्देश जारी किए गए हैं। श्री सुक्खू ने कर्मचारियों से प्रदेश के लोगों के हितों की रक्षा के लिए राज्य सरकार के साथ मिलकर काम करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार लोगों के कल्याण के लिए धनराशि खर्च करेगी और राज्य के राजस्व संसाधनों को बढ़ाने के लिए भी गंभीरता से प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते की किश्तों पर रोक लगा दी थी, जबकि वर्तमान राज्य सरकार ने कर्मचारियों को सात प्रतिशत महंगाई भत्ता जारी किया है। इसके अतिरिक्त 75 वर्ष से अधिक आयु के पेंशनरों को एकसाथ एरियर का भुगतान किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के पास एनपीएस के 9,200 करोड़ रुपए फंसे हुए हैं। वहीं केंद्र सरकार द्वारा आपदा राहत के 10,000 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं लेकिन यह राशि भी अब तक जारी नहीं की गई है। राज्य सरकार को पूर्व भाजपा सरकार से कर्मचारियों की 10,000 करोड़ रुपए की देनदारियां विरासत में मिली हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना बहाल करने के बाद केंद्र सरकार ने राज्य सरकार पर कई तरह की बंदिशें लगा दी हैं।
उन्होंने कहा कि ऋण सीमा 6,600 करोड़ रुपए निर्धारित कर दी गई है। वहीं, अगले वित्त वर्ष के लिए 3500 करोड़ रुपए का राजस्व घाटा अनुदान प्राप्त होगा, जबकि यह राशि पिछली भाजपा सरकार को प्राप्त राशि से 7,000 करोड़ रुपये कम है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि सभी वेतन विसंगतियों को दूर किया जाएगा और रिक्त पदों पर भी जल्द भर्ती की जाएगी ताकि सभी विभाग सुचारू तरीके से कार्य कर सकें। कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों ने पुरानी पेंशन बहाल करने के लिए मुख्यमंत्री का गहरा आभार व्यक्त किया।
कर्मचारी संगठनों ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली के लिए कर्मचरियों को लंबे समय तक संघर्ष करना पड़ा और मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने पहली कैबिनेट बैठक में ओपीएस बहाल कर उन्हें सम्मानजनक जीवन जीने का हक दिया।
कर्मचारी संगठनों ने जल्द संयुक्त परामर्श समिति की बैठक करवाने का भी आग्रह किया। तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान, हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर, हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी सेवाएं संघ के अध्यक्ष त्रिलोक ठाकुर, शिक्षक संगठन के अध्यक्ष लोकेंद्र ठाकुर और अन्य पदाधिकारी इस अवसर पर उपस्थित रहे।