बेहतर सम्पर्क सुविधा सृजन से लोगों के जीवन में सुगमता ला रही प्रदेश सरकार
2024-25 में बुनयादी ढांचे को विकसित करने के लिए में 2,240.27 करोड़ रुपये का प्रावधान
सड़कें विकास की भाग्य रेखाएं होती हैं। बिना सड़क निर्माण के विकास कार्य संभव नहीं हो सकते। किसी भी देश या प्रदेश के विकास के लिए सड़कों का योगदान बेहद अहम है। हालांकि हिमाचल की भौगोलिक परिस्थितियां काफी चुनौतीपूर्ण है फिर भी प्रदेश सरकार विकास के ध्येय के साथ निरंतर प्रयासरत है।
हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग इस मिशन में सबसे आगे है तथा दूरदराज के क्षेत्रांे तक पहुंचने के लिए सड़क नेटवर्क के विस्तार और उन्नयन के लिए निरन्तर कार्य कर रहा है।
वर्तमान में प्रदेश का सड़क नेटवर्क 41,202 किमी है जिसमें 34,917 किमी पक्की सड़के हैं जिनके माध्यम से सुरक्षित और सुगम यात्रा सुनिश्चित हो रही है। लोक निर्माण विभाग ने 2,519 पुलों और 36,763 किमी क्रॉस डेªनेज का निर्माण किया है। पहाड़ी क्षेत्र में भू-स्खलन, मानसून और सर्दी के मौसम में सड़कों पर आवाजाही सुचारू बनाए रखने के लिए पुल और क्रॉस डेªनेज होना बहुत आवश्यक है।
राज्य के 17, 882 गांवों में से 15, 778 को सड़क सुविधा से जोड़ दिया गया है जिसके फलस्वरूप ग्रीमाणों को स्कूल, स्वास्थ्य तथा अन्य आवश्यक सुविधाओं का लाभ मिल रहा है। प्रदेश में कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करने के लिए अनेक महत्वपूर्ण परियोजनाएं भी प्रगति पर हैं। 12,500 करोड़ रुपये के निवेश से फोरलेन राजमार्ग और 68 सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है। यह परियोजनाएं यात्रा के समय को कम करने के साथ-साथ पर्यटन और कारोबार तक पहुंच में सुधार करने में महत्त्वपूर्ण साबित होंगी जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।
प्रदेश सरकार ने बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए इस वित्त वर्ष 2,240.27 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया है। इसमें से 526.42 करोड़ रुपये की धनराशि का बहुत ही बेहतर तरीके से उपयोग किया जा चुका है। इस धनराशि से वर्ष के पहले छह माह में 18 पुल, 33 नए भवन, 190 किमी परिवहन योग्य सड़कें और 309 किमी क्रॉस-ड्रेनेज बुनियादी ढांचे सहित अनेक कार्यों का निर्माण पूरा किया जा चुका है।
इसके अलावा राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में 674 किमी सड़कों की टारिंग और 1,060 किमी सड़कों का नवीनीकरण किया गया है।
लोक निर्माण विभाग की सबसे बड़ी उपलब्धियों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का कार्य लगभग पूर्ण होना है, जिसमें प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना-प् का 99 प्रतिशत और प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना-प्प् का 100 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। इसके परिणामस्वरूप अब हजारों गांव बाजार, स्कूल और स्वास्थ्य जैसी जरूरी सेवाओं से जुड़ गए हैं। लोगों का जीवन स्तर भी सुधरा है और वह समृद्धि और खुशहाली की तरफ अग्रसर हैं।
प्रदेश सरकार के प्रयासोें से 2024-25 में केंद्रीय सड़क और बुनियादी ढांचा निधि (सीआरआईएफ) के तहत 293.36 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त हुई है। इस राशि का उपयोग प्रदेश की पांच प्रमुख परियोजनाओं को पूरा करने के लिए किया जाएगा। शिमला में 52 किमी लंबी टिक्कर-जरोल-गाहन-ननखड़ी-खमाड़ी सड़क का उन्नयन, कांगड़ा में गज खड्ड पर एक पुल और हमीरपुर और मंडी जिलों में उन्नयन कार्य किया जाना शामिल है। इन परियोजनाओं से कनेक्टिविटी बढ़ेगी और क्षेत्र के लोगों का विकास होगा। यह राज्य के सभी क्षेत्रों की प्रगति और समृद्धि के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के कुशल नेतृत्व में विभिन्न परियोजनाओं को पूरा करने के लिए लोक निर्माण विभाग ने परिचालन को सुव्यवस्थित करने और परियोजना प्रबंधन को आधुनिक बनाने के लिए वामिस (WAMIS) सॉफ्टवेयर तैयार किया है। सरकार ने निविदा प्रक्रिया की अवधि भी 51 दिनों से 30 दिन कर दी है। इसके अतिरिक्त विभाग के अधिकारियों को उच्च-मूल्य वाली निविदाओं को स्वीकृति देने के लिए ज्यादा शक्तियां प्रदान की गई हैं जिससे परियोजनाओं के निर्माण कार्य में तेजी आई है।
सड़क एवं अन्य निर्माण कार्यों में गुणवत्ता नियंत्रण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सरकार के स्पष्ट निर्देश हैं कि गुणवत्ता के मामले में किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। ठेकेदारों द्वारा किए जाने वाले कार्यों की कड़ी निगरानी की जा रही है और गुणवत्ताविहीन कार्य करने वालों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है। सड़क बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में किए गए कार्य राज्य के समृद्ध भविष्य की नींव रख रहे हैं।
प्रदेश सरकार का मुख्य उद्देश्य सड़क कनेक्टिविटी द्वारा राज्य की जनता को समान आर्थिक समृद्धि के अधिक से अधिक अवसर तथा बेहतर सुविधाएं प्रदान करना है। राज्य सरकार के अथक प्रयास न केवल कनेक्टिविटी में बदलाव ला रही है, बल्कि हिमाचल प्रदेश को प्रगति और विकास के एक मॉडल के रूप में भी स्थापित कर रहे हैं। पहाड़ी राज्य में सम्पर्क मार्गों की बेहतरीन सुविधा उपलब्ध होने से विकास को निरन्तर गति मिल रही है और प्रदेश मॉडल राज्य के रूप में स्थापित होने की ओर निरंतर अग्रसर है।