मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सोलन के धर्मपुर स्थित पाइनग्रोव स्कूल में वार्षिक समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि शिक्षा का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों की क्षमता का विकास कर उन्हें उत्तरदायी नागरिक बनाना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार सभी स्तरों पर विद्यार्थियों का सर्वागींण विकास सुनिश्चित करने के लिए शिक्षा प्रणाली में परिवर्तन कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वित्त वर्ष 2024-25 में शिक्षा बजट में पिछले वर्ष की तुलना में 17 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। छात्रों को भविष्य की चुनौतियों के अनुरूप तैयार करने के लिए सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा से ही अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा आरम्भ की गई है और उनके समग्र विकास के दृष्टिगत प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी राजकीय डे-बोर्डिंग विद्यालय खोले जा रहे हैं।


ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार छात्रों को सुशिक्षित एवं संवेदनशील बनाने के लिए प्रयासरत है। छात्रों को पर्यावरण एवं जल संरक्षण के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए डे-बोर्डिंग विद्यालयों में वर्षा जल संग्रहण प्रणाली और ग्रिड से जुड़े ‘रूफ टॉप संयंत्र’ स्थापित करने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा समाज के गरीब वर्ग के मेधावी छात्रों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए 200 करोड़ रुपए की महत्वकांक्षी डॉ. वाई.एस. परमार विद्यार्थी ऋण योजना आरम्भ की है। प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है कि इस योजना के तहत विदेशों के शैक्षणिक संस्थानों में व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में शिक्षा ग्रहण करने के लिए इच्छुक पात्र छात्रों को योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा। प्रदेश में ग्राम स्तर तक छात्रों को बेहतर शिक्षा और गुणात्मक पठन सामग्री उपलब्ध करवाने के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर पुस्तकालय स्थापित किए जा रहे हैं। प्रथम चरण में 493 पुस्तकालय स्थापित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 850 शिक्षण संस्थानों को उत्कृष्ट शिक्षण संस्थानों के रूप में विकसित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को भविष्य की मांग के अनुरूप बेहतर स्वरोजगार एवं रोजगार प्रदान करने के उद्देश्य से तकनीकी शिक्षण संस्थानों कृत्रिम मेधा, डाटा विज्ञान, मशीन लर्निंग और ड्रोन प्रशिक्षण जैसे पाठ्यक्रम आरम्भ किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी शिक्षण संस्थानों में रोजगार मेले और कैंपस साक्षात्कार भी आयोजित किए जा रहे है ताकि युवाओं को उनकी क्षमता के अनुरूप रोजगार मिल सके।
उन्होंने कहा कि शिक्षा के साथ-साथ प्रदेश सरकार युवाओं के स्वास्थ्य पर भी विशेष ध्यान दे रही है। विद्यालय स्तर पर छात्रों को पौष्टिक आहार उपलब्ध करवाने के लिए मुख्यमंत्री बाल पौष्टिक आहार योजना आरम्भ की गई है। इस योजना से प्रदेश के आठवीं कक्षा तक के 15,181 बच्चें लाभान्वित हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना के तहत 05 हजार बेसहारा बच्चों की शिक्षा एवं अन्य खर्च वहन कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के सभी युवाओं को उनके घर-द्वार के समीप गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रयासरत है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश का स्वच्छ एवं शांत वातावरण शिक्षा के लिए सर्वथा अनुकूल है और राज्य सरकार का यह प्रयास है कि राज्य में स्थापित विभिन्न शिक्षण संस्थान देश के बेहतर शिक्षा केन्द्र बने। उन्होंने विद्यार्थियों के समग्र विकास पर बल देने के लिए पाईनग्रोव स्कूल प्रबंधन की सराहना की।
मुख्यमंत्री ने इससे पूर्व स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा स्थापित कला एवं हथकरघा तथा फोटोग्राफी प्रदर्शनी का अवलोकन किया और छात्रों की प्रतिभा की प्रशंसा की।
इस अवसर पर विद्यालय के छात्रों द्वारा प्रस्तुत आकर्षक परेड, जिमनास्टिक और बैंड डिसप्ले सभी के आकर्षण का केन्द्र रही।  
इससे पहले, धर्मपुर पहुंचने पर स्थानीय निवासियों द्वारा मुख्यमंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया गया।
कसौली के विधायक विनोद सुल्तानपुरी, नालागढ़ के विधायक हरदीप बावा, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा, देश के पूर्व थल सेना अध्यक्ष जनरल मनोज पाण्डे, बघाट बैंक के अध्यक्ष अरुण शर्मा, जोगिन्द्र सहाकरी बैंक के अध्यक्ष मुकेश शर्मा, नगर निगम सोलन की महापौर ऊषा शर्मा, ए.पी.एम.सी के अध्यक्ष रोशन ठाकुर, प्रदेश कांग्रेस महासचिव सुरेन्द्र सेठी एवं रमेश ठाकुर, जिला कांग्रेस अध्यक्ष शिव कुमार, प्रधान सचिव बागवानी एवं कृषि सी. पालरासू, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा, पुसिल अधीक्षक गौरव सिंह, विद्यालय के कैप्टन ए.जे. सिंह, अन्य गणमान्य व्यक्ति, अध्यापक, विद्यार्थी तथा अभिभावक इस अवसर पर उपस्थित थे।