पहाड़ों पर जहां पहले नवबंर महीने में ठंड से बचने के लिए लोग गर्म कपड़े पहन कर घरों से बाहर निकलते थे. वहीं, इस साल नवबंर महीने में गर्मी पसीने छुड़ा रही है. नवंबर महीने में 3 शहरों धर्मशाला, सोलन और कांगड़ा में अधिकतम तापमान ने गर्मी के पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले है. इस समय धर्मशाला का अधिकतम तापमान 27.6 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है. इससे पहले आज तक कभी भी नवंबर में इतना तापमान रिकॉर्ड नहीं किया गया. धर्मशाला का नवंबर का अधिकतम रिकॉर्ड तापमान 7 नवंबर 2022 को 27.4 डिग्री दर्ज हुआ था.
इसी तरह सोलन में अधिकतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है. सोलन में आज तक का रिकॉर्ड अधिकतम तापमान 1 नवंबर 2020 को 28.7 डिग्री था. कांगड़ा में भी तापमान ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले हैं. कांगड़ा का अधिकतम तापमान 29.8 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है. यहां का सबसे अधिकतम तापमान तापमान 5 नवंबर 2020 को 28.4 डिग्री था.
छह शहरों का तापमान 30 डिग्री से अधिकवहीं, प्रदेश के 6 शहरों का पारा 30 डिग्री से ज्यादा हो गया है. अमूमन नवंबर में ऐसी स्थिति देखने को नहीं मिलती, बल्कि तापमान में कमी से ठंड रिकॉर्ड तोड़ती है, लेकिन इसबार लंबे ड्राइ स्पेल की वजह से बारिश-बर्फबारी नहीं हो रही है. प्रदेश के लाहौल स्पीति किन्नौर में भी नवंबर महीने में बर्फबारी का दौर शुरू हो जाता था, लेकिन इस बार यहां भी तापमान सामान्य से ज्यादा चल रहा है.
मौसम मौसम वैज्ञानिक शुभित कटयाल ने बताया कि, ‘प्रदेश में मौसम साफ बना हुआ है. 12 नवबंर को कुछ हिस्सों में बर्फबारी होने की संभावना है. प्रदेश में मौसम साफ बने रहने से तापमान में काफी वृद्धि दर्ज की जा रही है. धर्मशला, सोलन, कांगड़ा में तापमान ने कई रिकॉर्ड तोड़े हैं. नवबंर महीने में इतने ज्यादा तापमान देखने को नहीं मिला है. इसके कारण प्रदेश में लंबे समय से बारिश और बर्फबारी न होना है.’
मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर के महीने में हमीरपुर, बिलासपुर, सोलन, सिरमौर, कुल्लू और चंबा में 100 प्रतिशत कम बारिश हुई, यानी की यहां पर बारिश हुई ही नहीं है. इसके अलावा अक्टूबर महीने में लाहौल-स्पीति में 99 प्रतिशत, किन्नौर में 98 प्रतिशत, कांगड़ा में 94 प्रतिशत, मंडी में 83 प्रतिशत और ऊना में 54 प्रतिशत कम बारिश हुई है.
1901 के बाद तीसरा सबसे शुष्क अक्टूबर
मौसम विभाग शिमला के मुताबिक अधिकांश दिनों में कम बारिश के साथ हिमाचल प्रदेश में 1901 के बाद से अक्टूबर के महीने में तीसरी सबसे कम बारिश दर्ज हुई है. अक्टूबर के महीने में सबसे अधिक बारिश 1955 में 413.5 मिमी दर्ज की गई थी.