मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन बोर्ड की वन और जेल भर्ती परीक्षा 2023 के नतीजों को लेकर सोमवार (16 दिसंबर) को इंदौर में नौकरी के इच्छुक नौजवानों ने विरोध प्रदर्शन किया. विवाद की वजह यह रही कि एक उम्मीदवार ने 100 में से 101.66 अंक हासिल किए, जिसे परीक्षा में अपनाई गई नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया का नतीजा बताया गया. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर नारेबाजी की और मुख्यमंत्री मोहन यादव को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा. उनका कहना है कि भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ियां हैं और इसकी व्यापक जांच की जानी चाहिए. यह परीक्षा वन रक्षक, फील्ड गार्ड (एक्जीक्यूटिव) और जेल प्रहरी (एक्जीक्यूटिव) पदों के लिए आयोजित की गई थी.
बोर्ड ने 13 दिसंबर को परिणाम घोषित किए और कहा कि नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया का इस्तेमाल परीक्षा के अलग–अलग सत्रों में कठिनाई के स्तर को बराबरी पर लाने के लिए किया गया था. इस प्रक्रिया के कारण कभी–कभी उम्मीदवारों के अंक कुल अंकों (100) से अधिक या शून्य से कम भी हो सकते हैं. हालांकि, बोर्ड के इस स्पष्टीकरण से उम्मीदवार संतुष्ट नहीं हुए.
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे गोपाल प्रजापत ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, ‘यह राज्य के इतिहास में पहली बार हुआ है कि किसी उम्मीदवार को कुल अंकों से भी ज्यादा अंक मिले हैं. हम इस नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया के खिलाफ विरोध कर रहे हैं और निष्पक्ष जांच की मांग करते हैं.’
उन्होंने वन रक्षक, फील्ड गार्ड (एक्जीक्यूटिव) और जेल प्रहरी (एक्जीक्यूटिव) पदों की परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कहा कि इसमें पारदर्शिता के साथ जांच होनी चाहिए. प्रजापत ने चेतावनी दी कि यदि मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई तो नौकरी के इच्छुक अभ्यर्थी बड़ा आंदोलन करने को मजबूर होंगे.