बिलासपुर जिले के मलोखर के चडाऊ गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने इंसानियत को झकझोर दिया है। शनिवार सुबह, गांववासियों को एक नवजात बच्ची की रोने की आवाज सुनाई दी, जो कि पीपल के पेड़ के पास पानी की कुहल में सुनसान स्थान पर पड़ी हुई थी। बच्ची की अवस्था देखकर यह साफ था कि उसे अत्यधिक तन्हाई और संवेदनहीनता के साथ छोड़ दिया गया था।

गांववासियों का तत्परता से काम

गांववासियों ने बच्ची की आवाज सुनी और तुरंत इकट्ठा होकर पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और बच्ची को सुरक्षित रूप से अस्पताल पहुंचाया, जहां उसे प्राथमिक चिकित्सा दी गई। बच्ची की हालत अब स्थिर बताई जा रही है।

घटना पर गुस्से का इज़हार

गांववासियों ने इस घटना पर गहरा आक्रोश जताया और मामले की गहनता से जांच करने की मांग की है। उनका कहना है कि दोषियों को पकड़ कर उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए। यह घटना समाज में संवेदनहीनता और असंवेदनशीलता को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है।

समाज में बढ़ती संवेदनहीनता पर सवाल

यह घटना यह दर्शाती है कि आज भी कुछ लोग अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहे हैं और एक बेबस नवजात को इस तरह से किसी सुनसान स्थान पर छोड़ कर जाने को अपना अधिकार समझते हैं। यह समाज के लिए एक बड़ा शर्मसार करने वाला पल है, जो हमें मानवता की ओर सोचने और समाज में संवेदनशीलता लाने की आवश्यकता को समझाता है।