सुप्रीम कोर्ट की समिति ने पंजाब और हरियाणा सरकारों से 2.5 करोड़ रुपये की मांग की
किसान संकट और शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन को सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित उच्च-स्तरीय समिति ने पंजाब और हरियाणा सरकारों से 2.5 करोड़ रुपये की राशि प्रत्येक के रूप में मांगी है। यह राशि लॉजिस्टिक समर्थन के लिए निर्धारित की गई है।
हरियाणा ने दी मंजूरी, पंजाब की प्रतिक्रिया बाकी
सूत्रों के अनुसार, हरियाणा सरकार ने इस राशि को मंजूरी दे दी है, जबकि पंजाब सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक जवाब नहीं आया है।
पंजाब सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि कृषि विभाग ने इस मामले को मुख्यमंत्री भगवंत मान के कार्यालय को भेज दिया है। उन्होंने कहा:
“2.5 करोड़ रुपये की राशि काफी अधिक है। अधिकारी इस स्तर पर निर्णय नहीं ले सकते। इसे मुख्यमंत्री के पास अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा। हालांकि, यह सवाल भी उठ रहा है कि समिति इतनी बड़ी राशि का क्या उपयोग करेगी।”
समिति का गठन और सदस्य
यह समिति 2 सितंबर, 2024 को गठित की गई थी। इसका नेतृत्व पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश नवाब सिंह कर रहे हैं। समिति के अन्य सदस्य हैं:
- सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी बी एस संधू
- कृषि विशेषज्ञ देविंदर शर्मा
- अर्थशास्त्री प्रोफेसर रणजीत सिंह घुमन
- पंजाब राज्य किसान और कृषि मजदूर आयोग के अध्यक्ष सुखपाल सिंह
समिति का उद्देश्य
समिति का मुख्य उद्देश्य किसानों की शिकायतों को सुनना और उनके मुद्दों को सुलझाना है।
हरियाणा सरकार ने जहां अपनी हिस्सेदारी तुरंत मंजूर कर दी है, वहीं पंजाब सरकार की देरी इस राशि के उपयोग और पारदर्शिता को लेकर चिंताएं प्रकट कर रही है। अब यह फैसला मुख्यमंत्री भगवंत मान को करना है कि इस राशि को मंजूरी दी जाए या नहीं।