पुलिस ने प्रतिबंधित मांस के सैंपल को टेस्ट के लिए फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) में भेज दिया. यह पूरी घटना 27 अगस्त की है. बाढड़ा के डीएसपी भरत भूषण ने इस पूरी घटना की जानकारी देते हुए बताया कि 27 अगस्त को हमें सूचना मिली थी कि हंसावास खुर्द गांव की झुग्गियों में कुछ लोग प्रतिबंधित मांस खा रहे हैं. वहां पर उस संस्था के लोग भी शामिल थे, जिन्होंने शिकायत की थी.

अगली कार्यवाही लैब रिपोर्ट पर निर्भर करेगी. डीएसपी ने बताया कि इस सब के बीच शक के आधार पर शिकायतकर्ताओं ने अन्य झुग्गियों में जाकर दो लोगों का किडनैप कर उनकी पिटाई की, जिस दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई और दूसरा घायल है. पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सात आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, जिनमें से 3 को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है और 4 पुलिस रिमांड पर हैं. पूछताछ जारी है और अगर अन्य नाम सामने आते हैं, तो उन्हें भी गिरफ्तार किया जाएगा. पीड़ित पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना का रहने वाला है और यहां कूड़ा बीनने का काम करता था.

एसएसबी और राज्य पुलिस की एक-एक कंपनी यहां तैनात की गई है. हम सोशल मीडिया पोस्ट पर भी लगातार नजर रख रहे हैं. हालांकि, अब तक इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि व्यक्ति ने मांस खाया था या फिर उसकी हत्या केवल शक के आधार पर की गई.

चरखी दादरी जिले के बाढड़ा गांव में 27 अगस्त को गोरक्षा दल के लोगों ने दो प्रवासी मजदूरों की लाठी और डंडों से जमकर पिटाई की थी. इस हमले में पश्चिम बंगाल के रहने वाले साबिर मलिक की मौत हो गई और दूसरा मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गया था. आरोप लगाया गया कि दोनों मजदूरों ने बीफ खाया किया है. जिन सात लोगों की गिरफ्तारी हुई है, उसमें दो नाबालिग हैं.