हिमाचल प्रदेश की पांच हजार करोड़ की सेब आर्थिकी पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं ठियोग से विधायक कुलदीप सिंह राठौर ने गुरुवार को आयोजित प्रेसवार्ता में कहा कि सेब के बगीचे अल्टरनेरिया नामक बीमारी की चपेट में आ गए हैं, जिसका सीधा असर सेब के आकार और रंग पर हो रहा है। सेब के पत्ते समय से पहले ही झड़ रहे हैं जिस वजह से प्रदेश के बागवान चिंतित हैं।
राठौर ने सेब पर फैली इस अल्टरनेरिया बीमारी को महामारी घोषित करने की मांग केंद्र सरकार से की है। रोकथाम के लिए सहयोग करने की बात कही। उन्होंने कहा कि अल्टरनेरिया बीमारी प्रदेश के कई इलाकों में महामारी का रूप धारण कर चुकी है। कुछ इलाकों में 95 फीसदी बगीचे बीमारी की चपेट में आ गए हैं। राठौर ने कहा कि वर्ष 1982- 83 में भी सेब पर स्कैब बीमारी लग गई थी, जिस पर केंद्र ने मदद की थी। उन्होंने कहा कि बागवानी विभाग ने टीमें भेजी हैं लेकिन इस बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए अनुसंधान की भी जरूरत है। उन्होंने कहा कि मार्केट में उपलब्ध दवाइयों की गुणवत्ता पर भी सवाल उठ रहे हैं इसकी मॉनिटरिंग होनी चाहिए। इसके अलावा विदेशों से आयात हो रहे सेब के पौधों पर भी शक की नजरें हैं। इन पौधों का क्वारंटाइन होना चाहिए। उसके बाद ही बागवानों को उपलब्ध करवाने चाहिए। सेब के साथ विदेशों से बीमारियों का आयात नहीं होना चाहिए। यह सरकार और बागवानी विभाग को सुनिश्चित करना है।