दिल्ली और हरियाणा के बीच जल विवाद: “जल आतंकवाद” का आरोप

दिल्ली और हरियाणा के बीच जल विवाद: "जल आतंकवाद" का आरोप

दिल्ली और हरियाणा के बीच जल विवाद: “जल आतंकवाद” का आरोप

शीर्षक: “दिल्ली के मुख्यमंत्री अतिशि ने हरियाणा पर लगाया ‘जल आतंकवाद’ का आरोप”

विवरण:
दिल्ली के मुख्यमंत्री अतिशि ने हरियाणा सरकार के कदमों को “जल आतंकवाद” करार दिया है। उन्होंने मंगलवार को चुनाव आयोग को लिखे एक पत्र में यह आरोप लगाया। उन्होंने दिल्ली जल बोर्ड (DJB) के CEO के नोट का हवाला देते हुए कहा कि हरियाणा से यमुना नदी के माध्यम से दिल्ली आने वाले पानी में अमोनिया का स्तर लगातार बढ़ रहा है। यह समस्या हरियाणा में अनुपचारित सीवेज या औद्योगिक कचरे के मिश्रण के कारण उत्पन्न हुई है। पिछले दो दिनों में अमोनिया का स्तर 7 ppm से अधिक हो गया है, जो कि उपचार योग्य सीमा से 700% अधिक है।


दिल्ली जल बोर्ड का दावा

विवरण:
दिल्ली जल बोर्ड के CEO के अनुसार, यमुना नदी के पानी में अमोनिया का स्तर खतरनाक स्तर तक पहुँच गया है। यह समस्या हरियाणा से आने वाले पानी में अनुपचारित सीवेज और औद्योगिक कचरे के मिश्रण के कारण उत्पन्न हुई है। इससे दिल्ली में पानी की आपूर्ति प्रभावित हुई है, और नागरिकों को स्वच्छ पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है।

अतिशि का बयान:
“हरियाणा सरकार की लापरवाही के कारण दिल्ली के नागरिकों को जहरीला पानी पीने के लिए मजबूर किया जा रहा है। यह ‘जल आतंकवाद’ है, और हम चुनाव आयोग से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग करते हैं।”


हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का जवाब

विवरण:
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अतिशि के आरोपों को खारिज करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से माफी मांगने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि केजरीवाल ने माफी नहीं मांगी, तो वह उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज करेंगे।

सैनी का बयान:
“केजरीवाल ने उस धरती का अपमान किया है जहाँ उनका जन्म हुआ था। हरियाणा के लोग यमुना नदी को पवित्र मानते हैं और उसकी पूजा करते हैं। वे इसके पानी में जहर क्यों मिलाएंगे? यह आरोप निराधार और अपमानजनक है।”


विवाद की पृष्ठभूमि

विवरण:
यमुना नदी दिल्ली और हरियाणा के बीच एक महत्वपूर्ण जल स्रोत है। हाल के दिनों में नदी के पानी में अमोनिया का स्तर बढ़ने से दिल्ली में पानी की आपूर्ति प्रभावित हुई है। दिल्ली सरकार का आरोप है कि हरियाणा में अनुपचारित सीवेज और औद्योगिक कचरे के कारण यह समस्या उत्पन्न हुई है। वहीं, हरियाणा सरकार इन आरोपों को खारिज करते हुए दिल्ली सरकार पर नदी की सफाई में कोताही बरतने का आरोप लगा रही है।


राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ

दिल्ली सरकार का रुख:
दिल्ली सरकार ने हरियाणा सरकार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। अतिशि ने कहा कि यदि हरियाणा सरकार ने इस मामले में तुरंत कदम नहीं उठाए, तो दिल्ली के नागरिकों को गंभीर स्वास्थ्य संकट का सामना करना पड़ सकता है।

हरियाणा सरकार का रुख:
हरियाणा सरकार ने दिल्ली सरकार के आरोपों को राजनीतिक रंग देने का प्रयास बताया है। सैनी ने कहा कि हरियाणा सरकार यमुना नदी की सफाई के लिए प्रतिबद्ध है और इस मामले में दिल्ली सरकार को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए।


निष्कर्ष

विवरण:
यह विवाद दिल्ली और हरियाणा के बीच लंबे समय से चले आ रहे जल विवाद को और गहरा रहा है। दोनों राज्यों के बीच तनाव बढ़ने के साथ-साथ नागरिकों को स्वच्छ पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है। इस मामले में चुनाव आयोग और केंद्र सरकार के हस्तक्षेप की मांग की जा रही है, ताकि इस समस्या का समाधान जल्द से जल्द निकाला जा सके।

अतिशि का संदेश:
“हमारा संघर्ष दिल्ली के नागरिकों को स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने के लिए है। हम हरियाणा सरकार से इस मामले में गंभीरता से कदम उठाने की अपील करते हैं।”

सैनी का संदेश:
“हम यमुना नदी की पवित्रता को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। दिल्ली सरकार को बिना किसी प्रमाण के आरोप लगाने से बचना चाहिए।”


समापन:
यह विवाद दोनों राज्यों के बीच सहयोग और समन्वय की आवश्यकता को रेखांकित करता है। यमुना नदी की सफाई और स्वच्छ पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए दोनों सरकारों को मिलकर काम करना होगा।

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